शिवराज ने घोषणा की लेकिन अबतक नहीं मिल पाए प्लॉट।
♦️कीर्ति राणा इंदौर ♦️
पहले भू माफिया बाबी छाबड़ा के चंगुल में उलझी, फिर आसमान से गिरे खजूर में अटके की तरह विकास प्राधिकरण के रटेरटाये जवाब ‘फाइल प्रोसेस में है’ फंसी स्कीम नंबर 171 की 13 कॉलोनियों में शामिल पुष्प विहार कॉलोनी के भूखंडों की एनओसी भी दीपावली के पहले जारी हो सकती है।
तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तो ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हए भव्य समारोह के दौरान पुष्प विहार कॉलोनी के 1157 प्लॉटधारकों के पक्ष में घोषणा कर दी थी। शिवराज क्या गए उनके साथ उनकी घोषणा भी चली गई।इस कॉलोनी के रहवासी संघ अध्यक्ष महेंद्र कुमार चतुर्वेदी और अन्य पदाधिकारी लगभग हर सप्ताह प्राधिकरण सीईओ कार्यालय के चक्कर लगाते रहे हैं। हर बार यही जवाब मिलता रहा है कि फाइल प्रोसेस में है।लंबे संघर्ष के बाद प्लॉट तो मिल गए लेकिन इन प्लॉटों की एनओसी जारी नहीं होने से मकान निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।
प्राधिकरण की योजना क्रमांक 171 की 13 कॉलोनियों में से एक पुष्प विहार कॉलोनी की जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया था। अपने जीवन की जमा पूंजी से प्लॉट खरीदने वाले लोग पहले कब्जा पाने के लिए भूमाफिया के खिलाफ संघर्ष करते रहे।तत्कालीन शिवराज सरकार के निर्देश पर भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चला तो इस कॉलोनी की जमीन को भी मुक्त तो कराया गया लेकिन लोगों को प्लॉट फिर भी नहीं मिल पाए थे।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में 950 लोगों को पुष्प विहार के प्लॉट वितरण की घोषणा की थी।तत्कालीन प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, उस वक्त कलेक्टर रहे मनीष सिंह ने उनके बाद टी.इलैयाराजा कलेक्टर ने भी प्रयास किए।इन प्रयासों को कलेक्टर आशीष सिंह ने भी गति दी।जिला प्रशासन से संबंधित कार्रवाई थी वह भी पूरी कर दी गई।रहवासी संघ के पदाधिकारी कलेक्टर आशीष सिंह की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। कलेक्टर भी उन्हें कह चुके हैं कि हमारे स्तर पर कोई काम बाकी नहीं।
मोहन यादव के सीएम बनने के बाद से प्राधिकरण अध्यक्ष का दायित्व भी संभागायुक्त दीपक सिंह के पास ही है।इस बोर्ड में कलेक्टर भी सदस्य हैं लेकिन अध्यक्ष भी नहीं जानते कि एनओसी अब तक जारी क्यों नहीं हो पाई है।क्षेत्र क्रमांक पांच के विधायक महेंद्र हार्डिया भी कई बार प्राधिकरण स्कीम वाली कॉलोनियों के प्लॉट की एनओसी जारी करने के लिए आईडीए के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को फोन लगा चुके हैं।आईडीए का इस तरह अड़ंगा डालना किसी को समझ नहीं आ रहा।
आईडीए ने अटका रखा है मामला।
पुष्प विहार संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्र कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि सभी स्तर पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है, अब पूरा मामला आईडीए स्तर पर ही अटका है। अब तक सौ से अधिक बार आईडीए के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन एनओसी की जगह आश्वासन ही मिला है। 15-20 दिन पहले आईडीए ने कहा था कि विज्ञप्ति निकाल रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। विधायक महेंद्र हार्डिया कई बार हमारे सामने ही आईडीए अधिकारियों से लेकर सीएम तक को फोन लगा चुके हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
चेयरमेन की स्वीकृति मिलना बाकी है।
यह कहना सही नहीं है कि प्लॉटों का मामला हमने अटका रखा है। सहकारिता विभाग से प्लॉटों की सूची ही हमें सितंबर में मिली है, उनका मिलान-सत्यापन करने में वक्त तो लगता है। विधि विभाग संबंधी कार्रवाई भी हो चुकी है।विज्ञप्ति चेयरमेन के पास अनुमोदन के लिये भेज दी गई है।वहां से अनुमति मिलते ही सिर्फ पुष्प विहार ही नहीं स्कीम नंबर 171 की 10 सोसायटी-कॉलोनियों के साथ कुछ निजी प्लॉटधारकों के भूखंडों के डी नोटिफिकेशन की कार्रवाई हो जाएगी।
आरपी अहिरवार, सीईओ इविप्रा।
पता नहीं ऐसी कैसी प्रोसेस चल रही है।
विकास प्राधिकरण सीईओ का यह जवाब सुनते-सुनते कान पक गये हैं। फाइल प्रोसेस में है। जिला प्रशासन ने, सहकारिता विभाग ने अपने जिम्मे का काम बहुत पहले कर के प्राधिकरण को जानकारी भेज दी है। अब तो सारा दायित्व प्राधिकरण अध्यक्ष का है, फिर भी महीनों हो गए।हम तो मान रहे थे कि बोर्ड अध्यक्ष संभागायुक्त हैं तो फटाफट विज्ञप्ति जारी हो जाएगी।